Weather Update: भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 2025 के तापमान और मौसम को लेकर ताजा अपडेट जारी किया है। अनुमान के मुताबिक, मार्च से मई 2025 के बीच देश के कई हिस्सों में सामान्य से अधिक गर्मी पड़ सकती है। खासतौर पर उत्तर-पश्चिम, मध्य और पश्चिमी तटीय क्षेत्रों में तापमान सामान्य से 2-3 डिग्री सेल्सियस अधिक रहने की संभावना है, जिससे हीटवेव (लू) का खतरा बढ़ सकता है।
मार्च 2025: कैसा रहेगा तापमान और बारिश का हाल?
IMD के मुताबिक, मार्च में तापमान और वर्षा के ये प्रमुख रुझान देखने को मिल सकते हैं। उत्तर-पश्चिम भारत, गुजरात, महाराष्ट्र और तटीय इलाकों में तापमान 2-3 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है। इन क्षेत्रों में हीटवेव की संभावना जताई गई है। देश के अधिकतर हिस्सों में रात का तापमान सामान्य रहेगा, जिससे रात के समय थोड़ी राहत मिल सकती है। मार्च में सामान्य से कम बारिश हो सकती है। उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत में सूखे जैसी स्थिति बन सकती है।
गर्मी बढ़ने के संभावित प्रभाव
बढ़ते तापमान और कम वर्षा का सीधा असर फसलों पर पड़ेगा। किसानों को सलाह दी गई है कि वे सूखा-सहिष्णु फसलों की बुआई करें और जल संरक्षण तकनीकों का उपयोग करें। भीषण गर्मी से लू, डिहाइड्रेशन और अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि लोगों को धूप में बाहर निकलने से बचना चाहिए, पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए और हल्के कपड़े पहनने चाहिए। कम बारिश के कारण जलाशयों, नदियों और भूजल स्तर में गिरावट आ सकती है। लोगों को पानी का सदुपयोग करने की सलाह दी गई है।
IMD की चेतावनी: इन राज्यों में रहेगी भीषण गर्मी
IMD ने कुछ राज्यों के लिए विशेष चेतावनी जारी की है। कोंकण और गोवा में मार्च में हीटवेव की संभावना है। स्थानीय प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। ओडिशा और आंध्र प्रदेश में 13 से 19 मार्च के बीच तापमान सामान्य से 2-3 डिग्री अधिक रह सकता है।
गर्मी क्यों बढ़ रही है?
विशेषज्ञों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन और एल नीनो जैसी वैश्विक घटनाओं के कारण भारत में तापमान लगातार बढ़ रहा है। एल नीनो के कारण बारिश में कमी और गर्मी में वृद्धि देखने को मिलती है।
कैसे करें गर्मी से बचाव?
धूप में निकलने से बचें, खासतौर पर दोपहर के समय। ज्यादा से ज्यादा पानी और तरल पदार्थ लें। हल्के और सूती कपड़े पहनें। घर से बाहर निकलते समय छाता या टोपी का इस्तेमाल करें। किसानों को सिंचाई के लिए जल संरक्षण तकनीकों को अपनाने की सलाह दी गई है।
2025 में गर्मी सामान्य से अधिक रहने की संभावना है। इससे कृषि, स्वास्थ्य और जल संसाधनों पर असर पड़ सकता है। ऐसे में लोगों को सतर्क रहने और मौसम विभाग के अपडेट पर नजर बनाए रखने की जरूरत है।