Wheat harvesting in hindi: भारत में गेहूं एक प्रमुख खाद्य फसल है, जिसकी सही कटाई और भंडारण से किसानों को अधिक लाभ मिलता है। यदि कटाई और भंडारण सही तरीके से किया जाए, तो न केवल अनाज की गुणवत्ता बनी रहती है, बल्कि उत्पादन में भी वृद्धि होती है।
तो आइए, इस लेख में हम गेहूं की कटाई और भंडारण के सही तरीकों की पूरी जानकारी देंगे।
गेहूं की कटाई का सही समय
गेहूं की कटाई का समय बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि जल्दी या देर से कटाई करने से अनाज की गुणवत्ता और उत्पादन प्रभावित हो सकता है। सही समय पर कटाई करने से दाने की टूट-फूट कम होती है और भंडारण के दौरान नुकसान नहीं होता।

- सही कटाई का संकेत:
- पौधों का रंग हरा से सुनहरा हो जाए।
- दाने पूरी तरह से पक कर कठोर हो जाएं।
- दाने दबाने पर न टूटें।
- नमी की मात्रा 12-15% हो।
- खेत में 80-90% बालियां झुक जाएं।
गेहूं की कटाई के सही तरीके
पारंपरिक कटाई विधि:
- इसमें दरांती (हंसिया) से हाथ से कटाई की जाती है।
- छोटे किसानों के लिए यह विधि उपयुक्त होती है, लेकिन इसमें अधिक श्रम और समय लगता है।
- कटाई के बाद फसल को कुछ दिनों तक धूप में सुखाया जाता है ताकि अनाज की नमी कम हो सके।
आधुनिक कटाई विधि:
- इसमें रीपर और हार्वेस्टर मशीनों का उपयोग किया जाता है।
- हार्वेस्टर से कटाई, गहाई और सफाई एक साथ हो जाती है।
- इससे समय और श्रम की बचत होती है और फसल की गुणवत्ता बनी रहती है।
गेहूं की गहाई और सफाई
पारंपरिक गहाई विधि:
- बैल या ट्रैक्टर के सहारे दानों को अलग किया जाता है।
- यह विधि धीमी होती है और अधिक श्रम-साध्य होती है।
आधुनिक गहाई विधि:
- इसमें थ्रेशर मशीन का उपयोग किया जाता है।
- गहाई तेज़ी से और प्रभावी तरीके से की जाती है।
- दानों की गुणवत्ता बनी रहती है।
गेहूं का उचित भंडारण
भंडारण से पहले गेहूं की तैयारी:
- कटाई के बाद गेहूं को कम से कम 10-15 दिनों तक धूप में सुखाया जाना चाहिए।
- नमी की मात्रा 10-12% तक कम होनी चाहिए।
- भंडारण से पहले गेहूं को अच्छी तरह साफ करें ताकि उसमें धूल, भूसी और खराब दाने न रहें।
भंडारण के सही तरीके:
- गेहूं को बोरी (Gunny Bags) में भंडारित किया जा सकता है।
- साफ और सूखे बोरे का उपयोग करें और बोरी को जमीन से 6-8 इंच ऊंचे लकड़ी के तख्ते पर रखें।
- बड़े पैमाने पर भंडारण के लिए साइलो (Silo) का उपयोग किया जाता है।
- छोटे किसानों के लिए मिट्टी या धातु के कोठार में भंडारण करना भी एक अच्छा विकल्प होता है।
- नमी और कीटों से बचाने के लिए नीम की पत्तियां रखी जा सकती हैं।
भंडारण में कीट एवं रोग नियंत्रण
कीट नियंत्रण के उपाय:
- प्रति क्विंटल गेहूं में 5 ग्राम नीम की पत्तियां या 250 ग्राम नीम का तेल मिलाने से कीटों से बचाव किया जा सकता है।
- भंडार कक्ष की समय-समय पर सफाई करें।
- जरूरत पड़ने पर भंडारण के लिए एल्यूमीनियम फास्फाइड का उपयोग करें।
नमी और फफूंद से बचाव:
- भंडारण स्थान को हर कुछ दिनों में धूप दिखाएं।
- हवा के संचार की उचित व्यवस्था करें।
- भंडारण से पहले नमी की जांच करें और नमी अवशोषक पदार्थों का उपयोग करें।
निष्कर्ष
सही कटाई और भंडारण तकनीकों को अपनाकर किसान अपनी उपज की गुणवत्ता बनाए रख सकते हैं और अनाज को लंबे समय तक सुरक्षित रख सकते हैं। क्या आप भी इन तकनीकों का उपयोग करते हैं? हमें कमेंट में बताएं और अपने अनुभव साझा करें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
प्रश्न: फसलों का भंडारण कैसे करें?
उत्तर: फसलों का भंडारण सूखे, हवादार और कीट-मुक्त स्थान पर करना चाहिए। अनाज को अच्छी तरह सुखाकर भंडारण करें ताकि नमी की मात्रा 10-12% से अधिक न हो।
प्रश्न: कटाई के बाद अनाज का भंडारण कैसे करना चाहिए?
उत्तर: अनाज को अच्छी तरह सुखाकर, साफ करके, और उचित कीटनाशक उपाय अपनाकर भंडारित करें।
प्रश्न: गेहूं की फसल खराब होने के क्या कारण होते हैं?
उत्तर: देर से कटाई, अधिक नमी, कीट और फफूंद संक्रमण प्रमुख कारण होते हैं।
प्रश्न: गेहूं की कटाई कैसे की जाती है?
उत्तर: पारंपरिक रूप में हाथ से और आधुनिक विधि में हार्वेस्टर व रीपर मशीनों से कटाई की जाती है।
प्रश्न: गेहूं का भंडारण कैसे करना चाहिए?
उत्तर: गेहूं को अच्छी तरह सुखाकर, साफ बोरियों में भरकर, और ऊंचे प्लेटफॉर्म पर रखकर भंडारित करना चाहिए।